Friday, April 18, 2008

पैसों के लालच में कर रहे जंगलों का दोहन: जगत

अगस्तमुनि (रुद्रप्रयाग)। पर्यावरणविद जगत सिंह चौधरी 'जंगली' ने कहा कि जंगलों का लगातार हो रहा दोहन भविष्य के लिए खतरा बनता जा रहा है, इस पर अंकुश लगाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को आगे आना होगा।

उत्तराखंड राज्य विज्ञान व प्रौद्योगिकी परिषद के सौजन्य से राजकीय इंटर कालेज अगस्त्यमुनि में 'पर्यावरण संरक्षण हमारा योगदान व दायित्व' विषय पर आयोजित सेमिनार में पर्यावरणविद जगत सिंह चौधरी जंगली ने कहा कि जिन लोगों ने हमेशा जंगलों को बचाने के लिए आवाज उठाई, वह आज भी गरीब है, लेकिन पैसे के लालच में अमीर लोग इन जंगलों का दोहन कर रहे है, जो उनका करोड़ों का व्यवसाय भी बन गया है। श्री जंगली ने कहा जंगलों की इस दुर्दशा को रोकने के लिए फिर से सभी लोगों को एकजुट होने की आवश्यकता है। साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाए जाएं, ताकि भविष्य के लिए पर्यावरण पर मंडरा रहा खतरा कम हो सके। मैती संस्था के संस्थापक कल्याण सिंह रावत ने कहा कि प्रकृति को बचाने के लिए समाज को जागरूक करना होगा, तभी समाज में प्रकृति के लिए क्रांति आएगी। पहाड़ों से शहर क्षेत्रों के लिए हो रहा पलायन काफी खतरनाक है और कहीं न कहीं इससे पर्यावरण भी प्रभावित हो रहा है। प्रकृति संस्था के गजेंद्र रौतेला ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए हमें सामाजिक रूप से जागृत होना चाहिए।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_4367496.html