उत्तरकाशी। टिहरी बांध झील का जल स्तर 795 आरएल पहुंचते ही पानी ने चिन्यालीसौंड़ के डूब क्षेत्र में आने वाले चौदह गांव धीरे-धीरे जलमग्न होने लगे हैं। पानी बढ़ने की रफ्तार यदि ऐसी ही रही तो कुछ ही दिनों में सुनार गांव को मोटर झूला पुल के पानी में डूबते ही बत्तीस गांवों का जनसंपर्क जिला मुख्यालय से पूरी तरह से कट जाएगा। वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने पर प्रखंड की जनता ने आंदोलन की रणनीति बना दी है।
इन गांवों में रहने वाले परिवार पहले ही गांव छोड़ चुके थे। प्रखंड का भल्डगांव, बलडोगी, हडियाड़ी, बड़ी मणी, छोटी मणी, कुमराड़ा, मुंडारासेरा, बधांण गांव, देवीसौड़़ और नगूण लगभग झील में समा चुके हैं। इन गांवों की लोगों ने इस साल भी अपने खेतों में फसल बोई थी जो झील में समा रही है। कई घरों के के केवल छत ही नजर आ रही है। जलस्तर बढ़ने से अब जोगत-चिन्यालीसौड़ मोटर के सुनार गांव वाले झूला पुल के लिए भी खतरा पैदा हो गया है। कुछ ही दिनों में यह पुल भी पानी में समा जाएगा जिससे लगभग बत्तीस गांवों की पचास हजार से अधिक आबादी प्रभावित होगी। इस क्षेत्र के गांवों को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाला यही एक मात्र पुल है। क्षेत्र में आवाजाही के लिए अभी तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने पर क्षेत्र के गमरी, दिचली और बिष्ट पट्टी की जनता ने बांध प्रशासन और शासन के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बना ली है। सोमवार को प्रखंड के क्षेत्र पंचायत सभागार में हुई तीनों पट्टियों की जनता और जनप्रतिनिधियों की बैठक में संघर्ष समिति का गठन कर आंदोलन की रणनीति बनाई गई। क्षेत्र की जनता कल जिलाधिकारी को ज्ञापन देंगे। 24 अगस्त को तहसील मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन करेंगे। ग्रामीणों का कहना है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो 3 सितंबर को राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया जाएगा।
Friday, August 17, 2007
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment