ट्रक बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी अशोक लीलैंड लिमिटेड 1,000 करोड़ रुपये का ऋण लेकर भारत में नए संयंत्र लगाने की योजना बना रही है। |
कंपनी की योजना अगले दो साल में इस ऋण से वाणिज्यिक वाहन बनाने के लिए नए संयंत्र स्थापित करने की है। कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी के श्रीधरन ने बताया कि कंपनी यह ऋण 500-500 करोड़ रुपये की दो किस्तों में जुटाया जाएगा। इस रकम का निवेश कर कंपनी अपनी उत्पादन क्षमता को दोगुना करेगी और निर्यात को चार गुना कर लेगी। कंपनी को उम्मीद है कि नए संयंत्र की स्थापना के बाद वह सालाना 1,84,000 इकाई वाहनों का निर्माण कर लेगी। अशोक लीलैंड ने हाल ही में निसान मोटर्स के साथ हल्के ट्रक बनाने के लिए करार किया है। इन ट्रकों का निर्माण कार्य शुरू करने के लिए कंपनी को अपनी उत्पादन क्षमता का विस्तार करना पड़ेगा। भारत दुनिया भर में तेजी से उभरती हुई दूसरी अर्थव्यवस्था है और इसमें वाणिज्यिक वाहनों की मांग लगातार बढ़ रही है। भारत में ऋण लेना अशोक लीलैंड को महंगा पड़ेगा। एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड की विश्लेषक वैशाली जाजू के मुताबिक इस साल ब्याज दर पिछले सात सालों के सबसे ऊंचे स्तर पर है। इस कारण कंपनी के मुनाफे में गिरावट आएगी। बुरा दौर भारतीय रिजर्र्व बैंक ने महंगाई दर के लगातार बढ़ने के बाद भी मार्च 2007 से ब्याज दर 7.75 फीसदी से ज्यादा नहीं की है। वाहनों की लगातार बढ़ती कीमतों के कारण ग्राहक भी ट्रक खरीदने से बच रहे हैं। इस कारण पिछले वित्त वर्ष में अशोक लीलैंड के मुनाफे में 6.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2006-07 के दौरान कंपनी का मुनाफा 34.8 फीसदी था। श्रीधरन ने कहा, 'ब्याज दर का लगातार बढ़ना हमारे लिए बहुत बुरी बात है लेकिन इस वजह से हम अपने विस्तार की योजनाओं को शुरू करने में और देर नहीं कर सकते हैं।' कंपनी की योजना आने वाले तीन साल में लगभग 32 अरब रुपये निवेश करने की है। इस साल अशोक लीलैंड के शेयरों की कीमत में लगभग 4.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले 2-3 साल में यह सबसे बड़ी गिरावट है। अशोक लीलैंड और जापानी कंपनी निसान मिलकर अपने संयुक्त उपक्रम में लगभग 2,300 करोड़ रुपये का निवेश कर रहे हैं। इस संयुक्त उपक्रम के तहत मार्च 2011 तक हल्के ट्रकों का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। मार्च में ही अशोक लीलैंड ने घोषणा की थी कि कंपनी अपनी विस्तार योजनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए विदेश से करीब 800 करोड़ रुपये जुटाएगी। बड़ा विस्तार श्रीधरन ने बताया कि कंपनी उत्तराखंड में भी एक संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है। कंपनी की योजना 2010 तक इस संयंत्र की उत्पादन क्षमता सालाना 50,000 करने की है। उन्होंने बताया कि कंपनी दक्षिण भारत में एन्नौर स्थित संयंत्र की उत्पादन क्षमता भी बढ़ाएगी। श्रीधरन ने बताया कि कंपनी की योजना अगले चार साल में निर्यात से प्राप्त होने वाले राजस्व को चार गुना बढ़ाकर सालाना 40 अरब रुपये करने की है। कंपनी की योजना श्रीलंका, पश्चिम एशिया, फिलिपींस और बंगलादेश में बिक्री बढ़ाने की भी है। अभी इन देशों में कंपनी हर साल 8,000 वाहन ही बेच पाती है। लेकिन कंपनी अगले चार साल में यह आंकड़ा 30,000 वाहन तक पहुंचाना चाहती है। इसके लिए अशोक लीलैंड जल्द ही एक या दो देशों में असेंबलिंग संयंत्र लगा सकता है। http://hindi.business-standard.com/hin/storypage.php?autono=4392 |
Friday, June 13, 2008
अशोक लीलैंड 10 अरब रुपये से पकड़ेगी रफ्तार
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