अखबारों की कीमतों में कमी करने को लेकर उत्तराखंड में जबर्दस्त प्रतियोगिता छिड़ी हुई है। पाठकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए अखबार कंपनियों ने कीमतों में 33 फीसदी तक की कटौती की है। |
अखबार की कीमतों में कमी करने की फेहरिस्त में देश के दो बड़े मीडिया घराने एचटी मीडिया लिमिटेड और सहारा इंडिया ग्रुप, अमर उजाला और दैनिक जागरण के नाम शामिल हैं। बीते दिनों एचटी मीडिया लिमिटेड ने घोषणा की कि वह अपने हिन्दी अखबार 'दैनिक हिन्दुस्तान' की कीमत में 1 रुपये की कटौती करेगा और अब अखबार तीन रुपये की जगह सिर्फ दो रुपये में मिलेगा। दैनिक हिन्दुस्तान ने अखबार को लोकप्रिय बनाने और उसकी बिक्री को बढ़ावा देने के लिए शहर के कुछ इलाकों में अखबार की मुफ्त प्रतियां बांटने का भी फैसला किया है। दैनिक हिन्दुस्तान ने अधिक से अधिक पाठकों को रिझाने के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों में रोड शो का आयोजन, उपहार बांटने और अन्य अभियान भी चलाएं हैं। उल्लेखनीय है कि हाल ही में एचटी मीडिया लिमिटेड ने दैनिक हिन्दुस्तान को देहरादून से लॉन्च किया था। इसके अलवा, सहारा इंडिया ग्रुप ने भी अपने हिन्दी दैनिक 'राष्ट्रीय सहारा' की कीमत में 33 फीसदी की कटौती की है। अब यह अखबार दो रुपये में मिलेगा। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय सहारा को देहरादून में पिछले साल अक्टूबर में लॉन्च किया गया था। उल्लेखनीय है कि इस पहाड़ी राज्य में अमर उजाला और दैनिक जागरण का मार्केट बहुत बड़ा है। अब राज्य में हिन्दुस्तान और राष्ट्रीय सहारा जैसे अखबार लॉन्च हो चुके हैं और उनकी कीमतें भी घटा दी गई है। इसके मद्देनजर अमर उजाला और दैनिक जागरण ने भी कीमतों में कटौती कर दी है। अब ये दोनों अखबार दो रुपये में मिलेंगे। संवाददाताओं द्वारा इन दोनों अखबारों के मार्केटिंग अधिकारियों से पूछे जाने पर कि क्या किसी भय की वजह से उन्होंने कटौती की है तो उन्होंने इस विषय पर कुछ भी कहने से मना कर दिया। जागरण प्रकाशन लिमिटेड के निदेशक धीरेंद्र मोहन ने बताया, 'क्योंकि पेट्रोलियम प्रोडक्टों की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है इस लिए हमलोगों ने अखबार की कीमत को तीन रुपये की जगह दो रुपये में बेचने का फैसला किया है।' बाजार सूत्रों ने बताया है कि ज्यादातर बड़े समाचार पत्र पाठकों को रिझाने के लिए आक्रामक योजनाएं तैयार कर रहे हैं। इस बीच चंडीगढ़ स्थित ट्रिब्यून ने भी पाठकों में अपनी पैठ बढाने के लिए स्थानीय खबरों के लिए अलग से परिशिष्ट निकालने की योजना बनाई है। http://hindi.business-standard.com/hin/storypage.php?autono=4400 |
Friday, June 13, 2008
पहाड़ पर अखबारों की जंग तेज
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