नैनीताल। भल्यूटी गांव से लाए गए दो पवित्र कदली वृक्ष आखिर कारीगरों के हाथों की कला से मां नंदा-सुनंदा के सजीव लगने वाले मूर्त रूप में आ गए। बुधवार की सुबह ब्रह्ममूहुर्त में अब मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा एवं पारंपरिक आरती का सबको इंतजार है।
मंगलवार सुबह से ही नयना देवी मंदिर के पास स्थित सेवा समिति भवन में नगर में नंदा महोत्सव की आयोजक संस्था श्रीराम सेवक सभा के अध्यक्ष ठाकुर दास साह के निर्देशन में नवीन लाल साह, चंद्र प्रकाश साह, गंगा प्रसाद साह, मुकुल साह, ललित मोहन साह, किशन गुरूरानी, हरीश पाठक व दीपक पाठक ने मूर्तियों का निर्माण प्रारंभ कर दिया। मूर्तियों के निर्माण में कदली वृक्षों के साथ पर्यावरण मित्र वस्तुओं जैसे बांस की खपच्चियों एवं कपड़े व रूई तथा प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया जाता है। देर शाम से कलाकार जसौद सिंह मेहरा द्वारा मूर्तियों में रंगों का प्रयोग कर देवी भगवती नंदा एवं गौरा स्वरूप सुनंदा का स्वरूप प्रदान किया गया। जिसके बाद मूर्तियां बेहद आकर्षक स्वरूप प्राप्त कर जीवंत हो उठीं।
इधर नयना देवी मंदिर में मूर्तियों को स्थापित करने के लिए मंडप निर्माण का कार्य गंगा प्रसाद साह, जगदीश बवाड़ी, डा. ललित तिवारी एवं गिरीश जोशी आदि सदस्यों द्वारा पूर्ण कर लिया गया। इसके अलावा मंदिर की साज-सज्जा, मंदिर को विद्युत मालाओं से सजाने एवं मेले हेतु दुकान आवंटन का कार्य भी प्रारंभ हो गया। आयोजक संस्था श्रीराम सेवक सभा के मीडिया प्रभारी अनूप साही ने बताया कि सुबह ब्रह्ममुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात मूर्तियों को भक्तों के दर्शनार्थ रखा जाएगा तथा ब्रह्मा आरती की जाएगी। उन्होंने नगरवासियों से नंदा महोत्सव के दौरान अपने घरों एवं प्रतिष्ठानों को साफ स्वच्छ रखने एवं बिजली की मालाओं से जगमगाने की अपील की है। इसके अलावा बुधवार शाम 6 बजे से रामलीला स्टेज मल्लीताल में राज्य सरकार के लोक संस्कृति व सूचना विभाग एवं केंद्र सरकार के गीत एवं नाटय प्रभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए 20 सांस्कृतिक दलों द्वारा राज्य के कुमाऊं व गढ़वाल अंचलों की लोक संस्कृति के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
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