कुछ दिन पहले तक दूसरे राज्यों को बिजली बेचने की योजना बना रही उत्तराखंड सरकार पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर बिजली का साझा करने की इच्छुक जान पड़ती है। |
राज्य सरकार द्वारा संचालित उत्तराखंड जल विद्युत निगम बिजली सचिव को प्रस्ताव भेज चुकी है। पॉवर ट्रेडिंग कार्पोरेशन (पीटीसी) और विनर्जी इंटरनैशनल ने राज्य से बिजली खरीदने की मंशा जाहिर की है। बिजली विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य से बिजली बेचने के संबंध में कोई भी फैसला मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी द्वारा ही लिया जाएगा। मुख्यमंत्री के पास ही बिजली मंत्रालय का प्रभार है।' अधिकारी ने बताया, 'फिलहाल हम लोग पड़ोसी राज्यों के साथ बिजली साझा में ज्यादा रुचि ले रहे हैं। बिजली बेचने आदि के बारे में हम लोग आगे सोचेंगे।' पीटीसी राज्य सरकार से 7 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदने के लिए तैयार है। उसी वक्त विनर्जी ने भी निगम से बिजली खरीदने के लिए प्रस्ताव दिया था। विनर्जी ने 1 जून से पांच महीने के लिए 120 मेगावाट बिजली खरीद का प्रस्ताव किया। निगम 150 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन करती है। विनर्जी निगम से 5 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीदना चाहती है। निगम के अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद ने बताया कि इन प्रस्तावों को सरकार के पास भेजा जा चुका है। इस पर सरकार अंतिम फैसला करेगी। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड का दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के साथ बिजली का साझा करने संबंधी समझौता है। वह अपनी बिजली नहीं बेचता है। वैसे उत्तराखंड उत्तरी ग्रिड को करीब 50 लाख यूनिट बिजली सप्लाई करता है। प्रसाद ने बताया, 'मेरा मानना है कि पॉवर ट्रेडिंग कारपोरेशन जैसी बिजली कंपनियों को बिजली बेचना अच्छा सौदा हो सकता है।' निगम की स्थापित क्षमता 1,300 मेगावाट की है और वह वर्तमान में 770 मेगावाट उत्पादन करता है। निगम ने 2012 तक अपनी स्थापित क्षमता को 1,880 मेगावाट तक बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है। सरकार ने राज्य में जलविद्युत को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजना बर्नाई है। इसके तहत छोटी पनबिजली परियोजनाओं की स्थापना के लिए सहायता भी दी जा रही है। http://hindi.business-standard.com/hin/storypage.php?autono=4403 |
Friday, June 13, 2008
पड़ोसियों से बिजली की साझेदारी
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1 comment:
Hello, So beautifully you wrote everything.
I Really liked it.
Thanks for sharing this with us.
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