रानीखेत(अल्मोड़ा)। जंगलों में आग लगने का दौर जारी है। आग से ताड़ीखेत, द्वाराहाट, स्याल्दे ब्लाक में बहुमूल्य वन संपदा व जानवरों का चारा आग की भेंट चढ़ गया है। वहीं खेतों में आग लगने से गेहूं की फसल भी प्रभावित हुई है। आग से लगभग पांच लाख से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है।
स्याल्दे ब्लाक के मुख्यालय के सामने कहड़गांव में जंगलों में भीषण आग का दौर जारी है। यहां कहड़गांव के सिमलधार से देवी मन्दिर तक का लगभग डेढ़ किलोमीटर क्षेत्र आग की चपेट में है। सिमलधार, धार, पपनोई गांव पूरी तरह आग से घिरे हुए है। आग इतनी भीषण थी कि वह ग्रामीणों के गौशाला तक पहुंच गई। ग्रामीणों के मिलजुलकर प्रयास से बमुश्किल गौशालाओं को बचाया गया। हटल गांव के नेवलगांव तोक में भी जंगलों में आग लगने के समाचार है। वहीं तिमिली के रुचिखाल तोक से हटहटखाल तोक तक आग से लगभग 70 प्रतिशत वन पंचायत के जंगल प्रभावित हुए है। वहीं 30 प्रतिशत नाप भूमि में लगाए गए नर्सरी के लगभग 2 हजार पौधे भी आग की भेंट चढ़ गए है।
द्वाराहाट ब्लाक के ग्वाड़ गांव के खनूली तोक में आग लगने के समाचार है। यहां ग्रामीणों के लगभग 5 सौ नाली भूमि पर गेहूं की फसल व 50 घास के लूटे भी आग की भेंट चढ़ गए है। आग से प्रभावित गांवों के ग्रामीणों ने बताया कि आग को बुझाने के लिए शासन-प्रशासन का कोई भी प्रतिनिधि मौके पर नहीं पहुंचा है। ग्रामीण प्रशासन के इस उपेक्षापूर्ण रवैए से आक्रोशित है। उन्होंने कहा कि सूचना देने के बाद भी आग को बुझाने के लिए शासन-प्रशासन का कोई कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा।
ज्ञात हो कि बीते दिनों माजिल गाड़ जंगल में लगी भीषण आग की चपेट में तिमिली, चचरेटी गांव आए। आग से ग्रामीणों के तीन दर्जन घास के लूठे व घरों के आसपास रखी जलाऊ लकड़ियां जलकर राख हो गई थी। आग से लगभग 2 लाख रूपए का नुकसान हुआ। सोमवार को जंगलों में आग लगने का सिलसिला जारी है।
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