सोमेश्वर (अल्मोड़ा)। बेसिक शिक्षा परिषद के राजकीयकरण के बाद परिषद के मृतक आश्रितों को विद्यालयों व संस्थानों में सेवायोजित नहीं किया जा रहा है। जिसे लेकर प्रभावित परिवारों के सामने दो जून रोटी का सवाल खड़ा हो गया है।
इस मामले में सौ से अधिक मृतक आश्रितों को सेवायोजित किया जाना था, जो नहीं हो सका। राजकीयकरण के बाद जारी शासनादेश में कहा गया है कि यदि किसी कार्मिक की मृत्यु होती है तो उनके आश्रितों को ही लाभ अनुमन्य होंगे। शासनादेश में कहा गया है कि राजकीयकरण की तिथि से पूर्व के मामलों में नियमावली लागू नहीं होगी। परिषदीय शिक्षकों को 22 अप्रैल 2006 से राजकीय माना गया है। परिषदीय कार्मिकों को भी 5 वर्ष के अंतराल में मृतक आश्रित कोटे से नियुक्ति दी जाती रही है। किंतु राजकीयकरण होने के बाद पूर्व के मृतक आश्रितों को नियुक्ति के लिए कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ है।
प्रदेश भर के हर जिले से ऐसे मृतक आश्रितों ने जुलाई माह में प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन कौशिक सहित विद्यालयी शिक्षा निदेशक को अपना दर्द सुनाया। जिस पर इन आश्रितों को सेवायोजित किए जाने का आश्वासन तो मिला, लेकिन नियुक्तियां नहीं मिली। प्रदेश भर में लगभग सौ से अधिक मृतक आश्रित इस शासनादेश का दंश झेलने को मजबूर है।
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