Friday, November 16, 2007

प्रशासन की लापरवाही से हुआ बवाल

जोशीमठ (चमोली)। बदरीनाथ मार्ग पर मारवाड़ी में हुए संघर्ष के पीछे पुलिस प्रशासन की लापरवाही नजर आती है। यह तो गनीमत थी कि मामला भारी तनावपूर्ण होने के बाद भी स्वत: ही शांत हो गया, नहीं तो शांत पड़े पहाड़ी क्षेत्र में चार धाम यात्रा के अन्तिम दिन बड़ी अप्रिय घटना हो सकती थी।

थैंग गांव के ग्रामीणों ने प्रशासन को पूर्व में ही लिखित तौर से राजमार्ग पर जाम लगाने की सूचना दे दी थी और प्रशासन को यह भी मालूम था कि आज ही बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने है। यह जानते हुए भी कि जाम स्थल से ही होकर तमाम वीआईपी और श्रद्धालुओं का तांता लगा रहेगा, ऐसे में प्रशासन ने यदि सूझबूझ का परिचय दिया होता तो आंदोलनकारी नेताओं से एक रोज पूर्व ही वार्ता की जा सकती थी। बीते रोज गुरूवार को हेलंग में उर्गम वैली के ग्रामीणों ने भी जाम लगाया गया था। उप जिलाधिकारी निधि यादव को भी मालूम था कि थैंग गांव के ग्रामीणों का नेतृत्व कामरेडों के हाथ में है। अब यदि घटनाक्रम पर नजर डालें तो करीब दो घटे तक जाम स्थल पर एसडीएम व क्षेत्र के थानेदार ने सिवाय एक-दो वार्ताओं के ग्रामीणों के साथ मामले के सुलझाने के लिए गंभीरता पूर्वक प्रयास नहीं किए। यह सच है कि ग्रामीण डीएम को मौके पर बुलाने की जिद पर आड़े थे लेकिन यदि स्थानीय पुलिस व प्रशासन के अधिकारी चाहते तो सूझबूझ और विवेक का परिचय देते हुए जाम खुलवा सकते थे। ग्रामीणों का आरोप है कि एसडीएम ने समय का अभाव बता शीघ्र जमा खोलने का दबाव बनाया। अलकनंदा नदी के ऊपर बने पुल के ऊपर जिस दौरान भगदड़ मची उससे कई यात्री नीचे भी गिर सकते थे। भीड़ में से जिन लोगों ने पुलिस से लाठियां छिन धक्का-मुक्की करते हुए ग्रामीणों पर बरपानी शुरू की वह तो निकल गए, लेकिन ग्रामीणों की भीड़ का खामियाजा पुलिस को भुगतना पड़ा। चौकी के भीतर ही थानेदार जेएस राठौर आधे घंटे से भी ज्यादा मामला गरम होते हुए देख बैठे रहे, जबकि भीड़ उन्हे बाहर खींच पिटने के इरादे में थी। इस पूरी घटनाक्रम में सर्वाधिक लापरवाही यह नजर आयी कि जाम की सूचना के बावजूद थानेदार राठौर मात्र चार सिपाहियों को लेकर मौके पर मौजूद थे। बाद में घटनाक्रम के बाबत एसडीएम निधि यादव का कहना था कि ग्रामीणों की हठधर्मिता के कारण यह स्थिति उपजी है। उन्होंने कहा कि वह उनकी बात सुनने को तैयार थी लेकिन ग्रामीण डीएम को मौके पर बुलाने की जिद में थे। इधर जोशीमठ नगर पालिका अध्यक्ष माधवी सती और कामरेड अतुल सती ने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने ही यात्रियों को मारपीट के लिए उकसाया। इधर जिलाधिकारी डीएम गब्र्याल ने घटना के बाबत बताया कि तीन चार ग्रामीणों को चोटे आई है, जबकि थानेदार के निलंबन की मांग पर वह पुलिस के बर्ताव पर जांच करवा रहे है। जिस व्यक्ति ने लाठी चलाई उसे डीएम के निर्देश पर बदरीनाथ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ग्रामीणों ने उसे जोशीमठ क्षेत्र का ही व्यक्ति चिन्हित करते हुए मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। जिस पर जिलाधिकारी ने कार्यवाही के आदेश दिए है। उन्होंने कहा कि कानून तोड़ने वाले किसी भी व्यक्ति अथवा पक्ष को बख्शा नहीं जाएगा।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_3910149.html

No comments: