Friday, November 16, 2007

सकलाना क्षेत्र में साहित्यकारों का जमावड़ा

नई टिहरी (टिहरी गढ़वाल)। राजशाही के खिलाफ आंदोलनकारी गीतों और लेख से सामांतशाही की चूलें हिलाने वाले सकलाना क्षेत्र के सत्यों में साहित्यकारों का जमवाड़ा लगा। इस दौरान साहित्यकार व कवि सोमवारी लाल उनियाल के 66वें जन्मदिवस पर उनकी आत्मकथा हथेली भर जिंदगी पुस्तिका का लोकार्पण किया गया।

राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर टिहरी जनपद के राजकीय इंटर कालेज पुजारगांव में मुख्य अतिथि दूरदर्शन के पूर्व समाचार संपादक राजेंद्र धस्माना ने कहा कि सकलाना क्षेत्र साहित्यकार, कवि व क्रांतिकारियों की भूमि रही है। राजशाही के खिलाफ अपने प्राणों की आहूति देने वाले शहीद नागेंद्र सकलानी इसी क्षेत्र में जन्में इसलिए आने वाली पीढ़ी हमेशा यहां के लोगों को याद रखेगी। पूर्व सांसद एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पूर्णानंद पैन्यूली ने कहा कि क्रांति वीरों की इस भूमि ने राजशाही से मुक्ति दिलाने में अहम भूमिका निभाई जो अब एक इतिहास बन गया है। घनसाली के विधायक बलवीर सिंह नेगी ने कहा कि इस क्षेत्र के लोगों के संघर्ष को हमेशा याद रखा जाएगा। विधायक मंसूरी जोत सिंह गुनसोला ने हथेली पर जिंदगी पुस्तिका में वर्णित घटनाओं को ऐतिहासिक बताया। सीपीआईएम राज्य सचिव मंडल के सदस्य बच्चीराम कोंसवाल ने साहित्य, समाजसेवा में उनियाल के संघर्षों का अलग महत्व है। पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि क्रांतिकारियों की भूमि सकलाना ने राजशाही से मुक्ति दिलाने में अपनी लेखनी के माध्यम से लोगों में जो जागृति भरी वह हमेशा याद की जाएगी। साहित्यकार सोमवारी लाल उनियाल ने कहा कि मेरा भीतर राजनीति और पत्रकारिता कभी एक दूसरे की पूरक हो जाती तो मै तनावग्रस्त हो जाता था और दोनों ही स्थितियों में अनुभूत सत्य अपनी अभिव्यक्ति का रास्ता स्वयं तलाशता। इससे पूर्व कार्यक्रम में उत्तराखंड के विकास में कलम की भूमिका पर संगोष्ठी आयोजित हुई।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_3909920.html

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