गोपेश्वर (चमोली)। बदरीनाथ धाम के दर्शन कर वापस लौट रहे उड़ीसा के तीर्थ यात्रियों से भरीबस के लगभग 300 मीटर नीचे अलकनंदा नदी में गिरने से उसमें सवार 41 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। दुर्घटना में दो लोग घायल हो गए, जिन्हें श्रीनगर बेस अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया है। सूचना मिलते ही जिलाधिकारी डीएस गब्र्याल और पुलिस अधीक्षक पुष्कर सिंह सैलाल घटना स्थल के लिए रवाना हो गए हैं। उधर, प्रदेश के आपदा प्रबंध मंत्री दिवाकर भट्ट ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए राहत कार्य में तत्परता बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि चमोली के जिलाधिकारी के नेतृत्व में युद्ध स्तर पर राहत कार्य किया जा रहा है। श्री भट्ट के अनुसार देर शाम तक सभी शव निकाल लिए गए। उन्होंने बताया कि दुर्घटना की जानकारी उड़ीसा सरकार को दे दी गई है।
नौ अक्टूबर को दो बसों में उड़ीसा राज्य के यात्री बदरी केदार यात्रा के लिए निकले थे। उनमें से यूए 09 ए/5677 नंबर की इस बस में 43 यात्री सवार थे। जानकारी के अनुसार गुरुवार को अपराह्न दो बजे खुले गेट के बाद वाहनों का काफिला वापसी के लिए चला। लगभग पौने चार बजे जैसे ही एक बस विष्णुप्रयाग क्षेत्र में पहुंची, वहां स्थित पुल से लगभग 50 मीटर पूर्व ही वह गहरी खाई से लुढ़कती हुई अलकनंदा में जा गिरी। बस के कई पलटी खाने के बाद परखचे उड़ गए। इस वीभत्स दुर्घटना में 41 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलते ही उप जिलाधिकारी जोशीमठ निधि यादव तथा थानाध्यक्ष जीएस राठौर पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। जहां-तहां बिखरे पड़े शवों को प्रशासन, सेना, पुलिस, रेस्क्यू टीम तथा फायर सर्विस के जवान किसी तरह सड़क तक लाए। एसडीएम निधि यादव ने बताया कि इस घटना में एक महिला तथा पुरुष यात्री गंभीर रूप से घायल हुए है, जिन्हे श्रीनगर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। उन्होंने बताया कि बस में 43 यात्री सवार थे, जो उड़ीसा के खांडिमाई, मेदिनीनगर, कविसूर्यानगर, सदरपुर, दिगपाड़ा, पोलासारा, बीरगाडा, बुरुझारा, चिकिले, पुरुषोत्तमपुर, बनाझाली, पुरी, कोडाला, बेरहमपुर आदि इलाकों के रहने वाले हैं।
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