कोटद्वार (पौड़ी गढ़वाल)। क्षेत्रीय विधायक शैलेंद्र सिंह रावत ने कहा कि काश्तकारों को वैज्ञानिक तरीके से खेती कर अधिक लाभ अर्जित करना चाहिए। कृषि के साथ वानिकी से खुशहाली आने के साथ ही पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।
भाबर क्षेत्र के अंतर्गत दलीपपुर सिगडडी में आत्मा परियोजना के तहत आयोजित किसान गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक ने कहा कि पारंपरिक खेती का मोह छोड़ काश्तकारों को खेती की वैज्ञानिक विधि अपनानी चाहिए। खेत में फसल उगाने के साथ ही मेढ़ों पर फलदार पेड़ लगाने से अधिक लाभ अर्जित किया जा सकता है। क्षेत्र पंचायत प्रमुख सुमन कोटनाला ने जैविक खेती किए जाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि रसायन मुक्त फसल उत्पादन से ही स्वस्थ भारत की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। आत्मा परियोजना निदेशक डा. जीबी रतूड़ी ने कहा कि आत्मा परियोजना के तहत सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ काश्तकारों तक पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने भाबर क्षेत्र में कृषि स्नातकों व कृषि स्नातकोत्तर युवाओं के खेती से जुड़े होने को अनुकरणीय बताया। सहायक विकास अधिकारी कृषि मोहन लाल सकलानी ने योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई।
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