Wednesday, October 24, 2007

साहस : बाघ से भिड़ा ग्यारह वर्षीय विमल

रुद्रप्रयाग। ग्यारह वर्षीय विमल अदम्य साहस का परिचय देते हुए बाघ के बीच चली जोर आजमाइश से अपनी जान बचाने में सफल रहा, लेकिन वह अपने घोड़े को नहीं बचा सका।

यह घटना उस समय की है जब राजपाल ग्राम लौहार कुरझण निवासी का पुत्र विमल जंगल में अपने घोड़े के साथ गया हुआ था। बाघ ने मौका देखकर घोड़े पर धावा बोल दिया। इतने में पास में खडे़ ग्यारह वर्षीय विमल ने बाघ पर पत्थरों से हमला बोल दिया। जंगल के राजा को यह मंजूर नहीं था, वह विमल की ओर दौड़ पड़ा, लेकिन इसके बाद भी उसने हिम्मत नहीं हारी ओर बाघ पर पत्थरों से लगातार हमला करता रहा। इतने में गांव के लोग आवाज सुनकर वहां पहुंच गए और बाघ ने हार मानकर चले गया। विमल के पिता राजपाल ने बताया कि पुत्र को निकटवर्ती चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। उसे कुछ चोट भी आई है। उसने कहा कि घोड़ा उनकी जीविका का साधन था, इस घटना से उसकी आर्थिकी भी ठप पड़ गई है। वहीं क्षेत्र के लोगों ने इस बालक के अदम्य साहस को देखते हुए इसे पुरस्कार देने की मांग जिला प्रशासन से की है।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_3849414.html

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