Sunday, October 21, 2007

डा. कप्रवाण ने बढ़ाया राज्य का गौरव

रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग के डा. हुकम सिंह कप्रवाण ने अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में भी सूबे का नाम रोशन किया है। इस वर्ष शांति के लिए नोबेल पुरस्कार को चुनी गई संयुक्त राष्ट्र संघ के इंटर-गवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) में डा. कप्रवाण बतौर वैज्ञानिक अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूड़ी ने डाक्टर कप्रवाण की उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी है।

संयुक्त राष्ट्र संघ से संबद्ध संस्था आईपीसीसी व अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति अलगोरे को नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। आईपीसीसी वैश्विक ताप वृद्धि और उसके प्रभाव पर कार्य करने वाले दुनिया की शीर्ष वैज्ञानिक संस्था है। संस्था को मानव जनित जलवायु के बारे में व्यापक ज्ञान संग्रहित करने, उसके प्रसार और ऐसे परिवर्तनों के प्रतिकूल काम करने वाले तरीकों को आधार बनाने के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है। जनपद रुद्रप्रयाग के रहने वाले डा. हुकम सिंह कप्रवाण वर्ष 1993 से आईपीसीसी के लिए कार्य कर रहे है। डा. कप्रवाण ने आईपीसीसी के तीसरे व चौथे कार्यकारी समूह के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया है। उन्होंने भारत व विश्व में ओजोन परत संरक्षण, ग्लोबल वार्मिंग विषयों पर महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वर्ष 1944 में रुद्रप्रयाग जिले के बौंठा गांव में जन्मे डा. कप्रवाण ने माध्यमिक शिक्षा रुद्रप्रयाग में हासिल की। जिसके बाद डीएवी कालेज देहरादून से उच्च शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद डीआरडीओ में वैज्ञानिक नियुक्त हुए। अपर निदेशक के पद से सेवानिवृत्त के बाद वह संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण के सदस्य नियुक्त हुए। इसके बाद आईपीसीसी से जुड़कर ओजोन परत संरक्षण में किए गए उत्कृष्ट कार्य के लिए यूएनईपी सम्मान से नवाजे गए। डा. कप्रवाण की इस उपलब्धि पर प्रदेश के मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी ने उन्हे बधाई दी।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_3839307.html



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