गोपेश्वर (चमोली)। चीन सीमा के नजदीक गुजरते गंगोत्री-कालिंदी-अरबाताल ट्रेक पर रास्ता भटके तीन और रशियन पर्यटकों को आईटीबीपी ने ढूंढ निकाला है। समाचार लिखे जाने तक इन पर्यटकों से बदरीनाथ थाने में पूछताछ की जा रही थी।
पिछले दिनों उत्तरकाशी की सीमा से रशियन पर्यटकों का आठ सदस्यीय दल गंगोत्री-कालिंदी-बदरीनाथ ट्रेकिंग रूट पर निकला था लेकिन इस बात की जानकारी न तो उत्तरकाशी जिला प्रशासन को थी और न ही चमोली जिले के प्रशासन को। शुक्रवार को दल में से दो लोग किसी तरह से घसतौली स्थितआईटीबीपी के कैंप तक पहुंच गए। आईटीबीपी के जवानों ने जब इनसे पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उनके साथ और लोग भी हैं, जो रास्ते में भटक गए हैं। यह दोनों पर्यटक हिम दंश के शिकार हो चुके थे। दोनों पर्यटकों को बीते रोज ही उपचार के बाद दिल्ली के लिए रवाना कर दिया गया। इसके बाद आईटीबीपी के जवान अन्य भटके लोगों की खोजबीन के लिए निकले और शनिवार देर रात घसतौली में स्थित आईटीबीपी के 11 सदस्यीय दल ने एक महिला समेत दो अन्य रशियन पर्यटकों को भी ढूंढ निकाला। रविवार के दिन इन पर्यटकों से स्थानीय प्रशासन व पुलिस के अधिकारी आवश्यक जानकारियां जुटाने में लगे रहे। जोशीमठ की उप जिलाधिकारी निधि यादव ने देर शाम बताया कि रशियन पर्यटकों के मुताबिक वे हर्षिल मार्ग से नहीं, गंगोत्री मार्ग से इस ओर आए है। रशियन पर्यटकों में महिला पर्यटक का नाम तात्याना है जबकि पुरुष पर्यटकों के नाम ग्रेविलो मिखाइल व यतंस्को मिखाइल है। खास बात यह है कि इन सभी पर्यटकों के पास प्रतिबंधित क्षेत्र में भ्रमण करने संबंधी सरकार अथवा प्रशासन की ओर से जारी किसी प्रकार का कोई अनुमति पत्र नहीं मिला। उधर, इनर लाइन में विदेशी पर्यटकों की बेरोकटोक आवाजाही पर प्रमुख सचिव आपदा प्रबंधन तथा गृह एनएस नपलच्याल ने गहरी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में वह डीएम उत्तरकाशी से वस्तुस्थिति की जानकारी लेंगे तथा भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो इसके लिए दोनों जिलों के प्रशासन में आपसी तालमेल और मजबूत किया जाएगा।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_3822954.html
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